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प्रभु लो अवतार - लेखनी प्रतियोगिता -15-Apr-2022

*प्रभु लो अवतार*

 प्रेम बना है आज स्वार्थ का पर्याय
 शोषित पर पूँजीपति करते अन्याय
 अहिंसा बनती जा रही एक मजाक
 झूठी शान में ज़िंदगी हो रही खाक
 आज मच रहा चहुँ ओर हाहाकार
 प्रभु फिर से लो धरती पर अवतार।

कब मिटेगी गरीबी-अमीरी की रेखा
भ्रष्टाचारी मानवता को करें अनदेखा
कौन आशा के दीप मन में जलाएगा
जन-जन को पीड़ा से मुक्त बनाएगा
मोह में हो लिप्त मानव करे चीत्कार 
प्रभु फिर से लो धरती पर अवतार।

 मुरझाए मन में खुशी के दीप जलाने
 न्याय की जीत का अहसास दिलाने
अत्याचार की दहशत को दूर भगाने
भव बाधा से तार नैया पार लगाने
नफरत के हर जाल में भरने प्यार
दो सद्भावना का अनोखा हथियार
प्रभु फिर से लो धरती पर अवतार।

भटके हुए लोगों को सही राह दिखाने
मिटा निर्ममता मानवता का पाठ पढ़ाने
दया, क्षमा का महत्त्व जग को समझाने
मलिनता मिटा आत्मा को पवित्र बनाने
आओ पापियों का करो तुम उद्धार
प्रभु फिर से लो धरती पर अवतार ।

डॉ. अर्पिता अग्रवाल
नोएडा, उत्तरप्रदेश

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16 Comments

Abhinav ji

16-Apr-2022 08:56 AM

Nice

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Shrishti pandey

16-Apr-2022 08:00 AM

Nice

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Swati chourasia

16-Apr-2022 05:25 AM

बहुत ही सुंदर रचना 👌👌

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